
शेयर बाजार में कमाई तब शुरू होती है जब सब घबरा रहे होते हैं।लेकिन यदि एक उस समय आप भी घबरा गए सामने कितना अच्छा मौका क्यों न हो आप पैसा नहीं बना पाएंगे।बाजार आप को डरायेगा, बार बार डरायेगा,यहाँ पर हमारा काम है डर से जीत जाना।
मार्केट से नहीं बल्कि खुद से जीतना पड़ता है
बाजार में लोग,बाजार से उतना नहीं हारते जितना वो अपनी सोच से हार जाते है।आपने इस बात को देखा होगा कोई भी ट्रेड लेने से पहले हम चार्ट्स देखते हैं ,न्यूज़ देखते हैं। इंडिकेटर को चेक करते हैं,लेकिन अपने दिमाग के हालात को कभी चेक नहीं करते हैं।थका हुआ इंसान ,तनाव में डूबा हुआ है इंसान ,जल्दी बाजी में डूबा हुआ इंसान कभी भी सही फैसले नहीं ले सकता है उसके फैसले मैक्सिमम टाइम गलत ही होंगे।
असली ट्रेडिंग सोच और रणनीति को मिलाकर बनती है
एक अच्छा ट्रेडर वह नहीं होता जो हर बार प्रॉफिट बनाता है। बल्कि वह होता है, जो पहले बाजार को पढ़ता है और छोटे-छोटे प्रॉफिट लेकर बाजार में आगे बढ़ता है और सबसे महत्वपूर्ण अपने नुकसान को कंट्रोल में रखता है। शेयर बाजार का असली खिलाड़ी उसे कहा जा सकता है,जो बाजार को जीतने से पहले अपने मन को जीत लेता है।
मौके के लिए अपने आप को तैयार करना
लोग अक्सर पूछते हैं कि मौका कब आएगा?, सच कहूँ तो मौका कभी भी नहीं आता।सच बात तो ये है कि शेयर बाजार में मौका सबको देता है लेकिन मुनाफा उसी को देता है, जो मौके के अपने आप लिए तैयार रखते है ।जिनका
सिस्टम तैयार है,जिसका माइंडसेट शांत है,जो रिस्क मैनेजमेंट के लिए तैयार है ,सही मौका
उन्ही को मिलता हैं। क्योंकि अगर बाज़ार में तैयारी ना हो तो मौका भी धोखा लगने लगता है
अनिश्चतताओ के बीच जीत का रास्ता
ट्रेडिंग अनिश्चतताओ से भरी है।यहाँ पर अगले पल क्या होगा ये कोई नहीं जान सकता है ,हम यहाँ पर केवल अनुमान लगा सकते है।बाज़ार में किसी चीज की कोई गारन्टी नहीं है,यहाँ पर जो हर स्तिथि में खुद को कन्ट्रोल करना जनता है और जो यह मानकर चलता है ,यहाँ कुछ भी हो सकता है सही मायने में वही विजेता है,क्यूंकि यह बाज़ार शॉर्टकट का नहीं बल्कि संभावनाओ का खेल है।
ट्रेडिंग का कारण स्पस्ट नहीं है तो नुकसान पक्का।
जब भी आप कोई ट्रेड लेते हो, तो एक सवाल खुद से पूछना जरुरी है,इस ट्रेड को लेने का मेरा क्या लॉजिक है,अगर आपके पास कोई जबाब नहीं है तो बिलकुल भी ट्रेड नहीं लेना है।ट्रेडिंग में सबसे ख़राब चीज होती है,थोडी देर देख लेते है,न कोई प्लान ,न कोई स्टॉप लॉस और न उसमे कोई समझ। दोस्तों ऐसा नहीं होता ये चीजे ले डूबती है,इसका मै खुद भुक्तभोगी तभी में इस बात को कह रहा हू ।
एग्जिट प्लान होना जरुरी है
जैसे यह जरुरी है मार्किट मे कहां ट्रेड में इन होना है,उतना ही यह भी जरुरी है कहां पर
आपने निकलना है।बाज़ार आपको लालच देगा,थोडा रुक जाओ और मिलेगा,सौदा अभी
काटा तो बाद में पछताना पड़ेगा। इसके विपरीत आपके पास एग्जिट प्लान है तो आप फालतू
लालच से बच सकते हो।
अनुशासन और निर्णय वाली सोच
अगर आप सोचते है कोई दूसरा पैसा बना रहा है तो में क्यों नहीं बना सकता।बिलकुल आप भी
बना सकते है लेकिन आपने उसका अनुशासन देखा है?उसने न जाने कितना बढ़ा नुकशान करके उसने सीखा है,क्या आप वही कर सकते है,क्या आप उस स्तिथि मै है ।दुसरे का प्रॉफिट तो हर कोई देखता है लेकिन उसके पीछे का त्याग कोई नहीं देखता है। इसलिए तुलना नहीं रणनीति जरुरी है।किसी के पास बढ़ा पैसा है,कोई यहाँ छोटे पैसे के साथ है,किसी
का टाइमफ्रेम 5 मिनट का है तो कोई यहाँ लम्बी सोच के साथ आया है। हर इंसान की पूजी
,सोच और जरुरत अलग है। इसलिए तुलना के बजाय प्लान पर जोर देना अच्छा होता है।
मार्केट के साथ आपको बदलना होगा
मार्केट हर पल ,हर दिन बदलता है,यही इसकी ख़ूबसूरती है और इसी में पैसा बनाने का मौका।यहाँ पर अपने करना गया तो इसका मतलब ये नहीं है कि आप गलत है आप फेल हो गये।यहाँ पर यह जरुरी है की आपने उससे क्या सीखा।
अन्त में इस बात के साथ अपनी बात समाप्त
करुगा..ट्रेडिंग कोई जादू नहीं है,यह एक बिज़नस है,यहाँ पर आप इसमें जितना ठहराव
लाओगे,इसमें उतनी ही ग्रोथ होगी,इसलिए अगली बार ट्रेड से पहले अपने दिमाग को चेक
जरूर करना,यह स्पस्ट कर दू “यह
लेख सिर्फ अनुभव और विचार साझा करने के लिए है। कृपया कोई भी निर्णय खुद की रिसर्च
और सलाहकार से विचार करके ही ले ये सबसे अच्छा होता है और हाँ अगर आपको इस लेख की कोई भी बात कहीं से भी छू गई हो तो एक शेयर जरूर करें।हो सकता है किसी और को भी इसका फायदा मिले धन्यबाद