क्या आपने कभी सोचा है, ट्रेडिंग में बार-बार हार क्यों होती है, जबकि लगता सब कुछ सही है,स्ट्रैटेजी भी सही है, सेटअप क्लियर था, इंडिकेटर ग्रीन – फिर भी रिज़ल्ट रेड क्यों होता है?क्यों कुछ लोग मार्केट से रोज कमाते हैं… और कुछ बस देखते रह जाते हैं।इसका जवाब किसी चार्ट में नहीं, किसी सिग्नल में नहीं, इसका जवाब छुपा है – हमारी सोच में, हमारे माइंडसेट में।
आज के लेख मे बात करेंगे उस सच की, जो न तो स्क्रीन पर दिखता है और न ही किसी Course में सिखाया जाता है।
एक ऐसा सच जो हमें बार-बार हार का सामना कराता है…
ताकि हम खुद को समझ सकें।
दोस्तों, मार्केट में पैसा बनाने के लिए, पैसे के बाद जो सबसे ज़रूरी चीज होती है, वो है आपका माइंडसेट — और लेख में उसी माइंडसेट की बात है। मेरा बिश्वास है, यह लेख आपके लिए काम का होगा
ट्रेडिंग की शुरुआत – एक सपना
दोस्तों, शेयर बाजार की शुरुआत होती है एक सपने से –जहां आज़ादी है, पैसा है, और सबसे ज़रूरी – कंट्रोल।
कंट्रोल अपने वक्त पर, अपनी ज़िंदगी पर। शुरुआत में ये चीजें बहुत आकर्षित करती हैं। जब आप पहली बार चार्ट देखते हैं, तो लगता है जैसे बाजार बस नंबरों का खेल है। रंग-बिरंगी कैंडल्स, ऊपर-नीचे भागती लाइन्स।
ट्रेडिंग – एक कला, एक अनुभव
पर हकीकत ये है – ट्रेडिंग एक कला है। एक आर्ट फॉर्म जिसे महसूस किया जाता है, जिसे जीना पड़ता है। इस आर्ट में सबसे पहले हमें खुद को समझना पड़ता है। अपने डर को पहचानना पड़ता है, और फिर उस डर को हराना पड़ता है। एक नया ट्रेडर जब चार्ट्स के सामने बैठता है,तो चार्ट्स हर टिक उसके दिल की धड़कनों से जुड़ जाता है। लेकिन यह जानना असली कला है – कि कब एक्शन लेना है और कब रुकना है।
सीक्रेट नहीं, बस कंट्रोल
क्या कुछ लोगों के पास कोई सीक्रेट फॉर्मूला होता है? नहीं, ऐसा कुछ नहीं होता है दोस्तों।उनके पास बस एक ही चीज होती है –अपने आप पर कंट्रोल। क्योंकि जंग दूसरों से नहीं है,बल्कि ये जंग है – अपने लालच से, अपने डर से और अपने अनकंट्रोल मन से। जब कभी मार्केट शांत होता है… लेकिन हमारे भीतर शोर मचता है।जब चार्ट क्लियर होता है… लेकिन हमारे दिमाग के अंदर शक होता है।असल ट्रेडर वही है –जो इस सब से ऊपर उठकर सच्चाई तक पहुंचे। हर लाइन एक इंसान की कहानी है।कभी ब्रेकआउट किसी की उम्मीद उड़ाता है,कभी ब्रेकडाउन किसी का सपना तोड़ता है।
ट्रेडिंग का इमोशनल राइड
ट्रेडिंग में हर डिसीजन आपका अपना होता है।ना कोई आपके साथ होता है और ना कोई आपका गाइड। कभी एक दिन का लॉस आपकी पूरी आइडेंटिटी तक को हिला देता है।और एक दिन का प्रॉफिट आपको आसमान में पहुँचा देता है। ट्रेडिंग का आर्ट है – बैलेंस को ढूंढना। ओवरकॉन्फिडेंस और डर के बीच का बैलेंस।ना ज़्यादा उड़ाना है और न गहरा गिरना है। आपने भी कभी ना कभी यह बात कही होगी –”मैंने सब सही किया, फिर भी लॉस हुआ?”क्यों? क्योंकि मार्केट लॉजिक नहीं, रियलिटी देखता है।
मार्केट की परीक्षा
मार्केट वो जगह है जहां हमारी सोच की परीक्षा होती है। जहां एक सेकंड की देरी आपको भारी नुकसान दे सकती है।और जहां सबसे बड़ा धोखा होता है – ओवरकॉन्फिडेंस से। मैं अपनी बात कहूं?मैं सोचता था मैं सबसे अलग हूँ।मेरे सपने बड़े हैं, मुझे चीजें जल्दी समझ आती हैं,मैं ट्रेडिंग में आ गया तो, मैं तो मचा दूँगा।पर मार्केट ने मुझे सीखा दिया और बता दिया –”मैं तुम्हारे सपनों की परवाह नहीं करता।”
मार्केट सिर्फ Reality देखता है
मार्केट सिर्फ एक चीज देखता है – Reality। Reality ये है कि लॉस होंगे।और वो तब भी होंगे जब आपने सब कुछ सही किया हो।असल में ट्रेडिंग करने वाला वो होता है, जो इस सच्चाई को स्वीकारता है। “मार्केट कल ऊपर जाएगा” –ये कहने वाला अपने ego को फीड कर रहा होता है। “अगर मार्केट ऊपर गया तो मेरी स्ट्रैटेजी ये होगी,अगर नीचे गया तो रिस्क मैनेजमेंट तैयार है” –ये कहने वाला रियालिटी में जी रहा होता है। “ट्रेडिंग में सबसे ज़्यादा नुकसान उनको होता है,जो पक्की गारंटी ढूंढते हैं और जो अपनी स्ट्रैटेजी से ज़्यादा, अपनी उम्मीदों पर भरोसा करते हैं।”क्योंकि मार्केट न तो किसी की उम्मीद पर चलता है,और न ही किसी वादे पर –मार्केट चलता है अपने तरीके से। यहाँ हर कैंडल एक कहानी बताती है ,लेकिन हर कहानी जीत की नहीं होती।कई बार यहाँ पर अपने पैसे को और अपने मनोबल को बचानाऔर टिके रहना भी बड़ी जीत होती है।
ट्रेडिंग एक Mindset है
ट्रेडिंग एक ऐसा माइंडसेट है – जहां पर hope से ज़्यादा confirmation देखा जाता है। जहां इमोशन्स से ज़्यादा लॉजिक काम करता है। जहां dreams नहीं बल्कि facts काम करते हैं। यहाँ पर पैसा बनाने का कोई शॉर्टकट नहीं है। इसको जीना पड़ता है।यहाँ पर हर दिन की नई सीख होती है,हर नुकसान एक सबक होता है,और हर मुनाफा एक जिम्मेदारी। ट्रेडिंग एक आइना है, जो आपकी सबसे कमजोर और सबसे ताकतवर परछाई दिखाता है। तो अगली बार जब आप चार्ट्स के सामने बैठें –कोई प्रेडिक्शन नहीं, observation करें। खुद से लड़ाई जीतें। क्योंकि असली ट्रेड वो नहीं होता जो स्क्रीन पर होता है, असली ट्रेड वो होता है जो आपके दिमाग और दिल के बीच होता है।
अंत में – दिल से एक बात
अगर कोई भी बात आपके दिल से टकराई हो —तो एक लाइक जरूर करना। और कमेंट करके बताना, आपने ट्रेडिंग में सबसे बड़ा सबक क्या सीखा है। और हाँ, फॉलो ज़रूर करना …क्योंकि ये सफर अभी शुरू ही हुआ है। और एक और जरुरी बात ,Disclaimer यह लेख एजुकेशन के उद्देश्य से लिखा गया है, यह निवेश सलाह नहीं है। यदि आप इस लेख को वीडियो फॉर्मेट में देखना चाहते है तो मेरे youtube channel www.youtube.com/@girishpathak08 पर जाकर देख सकते हैं।बहुत बहुत धन्यवाद।